वैज्ञानिक डार्विन का मानना था कि वर्तमान में पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक जीवित प्राणी अपने पहले के किसी प्राणी से विकसित होकर धरती पर आया है। जीवों के इस क्रमिक विकास में लाखों वर्षों का समय लगा। डार्विन के इसी सिद्धांत के आधार पर बंदरों को मनुष्य का पूर्वज माना गया है। माना जाता है कि पक्षियों का जन्म और उनका विकास भी इसी तरह पूर्व की किसी प्रजाति के पक्षी से हुआ है। पत्थरों में दबे जीवाश्मों (fossils) से इस बात के कई प्रमाण मिलते हैं। कभी कभी धरती से मिलने वाली हड्डियों से भी इन प्राग् ऐतिहासिक प्रजातियों का पता चलता है। इन जीवाश्मों और हड्डियों की मदद से वैज्ञानिक प्रजातियों की उम्र और इनके जीवनकाल का अंदाजा लगाते हैं।
कहा जाता है कि दुनिया के पहले दैत्याकार जीव डायनासोर (dinosaur) आज से कोई 200 मिलियन वर्ष पूर्व जुरासिक युग में धरती पर आये थे। इन्हीं में से एक मांसभक्षी छोटे आकार की डायनासोर प्रजाति ‘थेरोपोड’ का विकास आज से 150 मिलियन साल पहले हुआ। माना जाता है कि इसी ‘थेरोपोड’ से आगे चलकर धीरे-धीरे कई लाख वर्षों में पक्षियों ने अपना रूप लिया।
दिलचस्प बात यह है कि जुरासिक युग के इन डायनासोर जीवों में थेरोपोड के अलावा किसी भी डायनासोर की अगली पीढ़ियां अब दुनिया में बाकी नहीं हैं। बाकी डायनासोर जीवों की तरह थेरोपोड के भी दाँत थे। लेकिन हज़ारों सालों के विकास के बाद पक्षियों के दाँत जाते रहे और इनके स्थान पर चोंच विकसित हुई जो पक्षियों को अपना भोजन ढूंढने और पकड़ने में सहायता देती है।
हाल ही में प्लोस वन पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 2014 में यू.के. के दक्षिणी वेल्स के पेनार्थ के पास एक समुन्द्रतट पर पाये गए थेरोपोड समूह के मांसाहारी प्रजाति का डायनासोर संभवतः अब तक का ज्ञात सबसे पुराना जुरासिक डायनासोर है। यह अध्ययन इंग्लैंड के पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय के डेविड मार्टिल, व नेशनल म्यूजियम वेल्स और मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से उनके सहयोगियों द्वारा किया गया। इस अध्ययन के लेखकों ने डायनासोर की खोपड़ी व हड्डियों का विश्लेषण किया तथा निष्कर्ष निकाला की यह एक नई प्रजाति है। इस डायनासोर का नाम ड्रैकोरैप्टर हनिगनी रखा गया है।
ड्रैकोरैप्टर मतलब ‘ड्रैगन डाकू’। ड्रैको(ड्रैगन) वेल्स का राष्ट्रीय प्रतिक है। प्रजाति का नाम जीवाश्म को खोजने वाले निक और रोब हनिगन के सम्मान में रखा गया है।
अपने विश्लेषणों के आधार पर शोधकर्ताओं का मानना है की यह डायनासोर थेरोपोड समूह से व मांस खाने वाला था। उन्होंने यह अनुमान भी लगाया की यह एक किशोर जानवर रहा होगा क्योंकि इसकी बहुत सी हड्डियाँ पूर्ण रूप से विकसित नहीं हुई है। अपने दूर के रिश्तेदार टी-रेक्स की तुलना में, यह एक छोटा, चुस्त, लगभग 70 सेमी. ऊँचा, संतुलन बनाने के लिए एक लम्बी पूंछ युक्त 200 सेमी. लम्बा जानवर प्रतीत होता है। यह जुरासिक काल (201 मिलियन वर्ष पूर्व) के शुरुआत में रहा, उस समय दक्षिणी वेल्स एक तटीय क्षेत्र था जैसा की आज है। बहरहाल, उस समय का जलवायु बहुत गर्म था, और डायनासोर ठीक विविध होना (diversify) प्रारम्भ कर रहे थे। नया नमूना सबसे पूर्ण थेरोपोड का प्रतिनिधित्व करता है, और संभवतः यू.के. में या यहां तक कि दुनिया में सबसे पुराने ज्ञात जुरासिक डायनासोरों का प्रतिनिधित्व कर सकता हैं।
References : sciencedaily.com, pakshiyonkiduniya